Thursday, 14 April 2016

Topic: इल्मे गैब


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ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﻳَﺤْﻴَﻰ، ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﻭَﻛِﻴﻊٌ، ﻋَﻦْ ﺇِﺳْﻤَﺎﻋِﻴﻞَ ﺑْﻦِ ﺃَﺑِﻲ ﺧَﺎﻟِﺪٍ، ﻋَﻦْ ﻋَﺎﻣِﺮٍ، ﻋَﻦْ
ﻣَﺴْﺮُﻭﻕٍ، ﻗَﺎﻝَ ﻗُﻠْﺖُ ﻟِﻌَﺎﺋِﺸَﺔَ ـ ﺭﺿﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻨﻬﺎ ـ ﻳَﺎ ﺃُﻣَّﺘَﺎﻩْ ﻫَﻞْ ﺭَﺃَﻯ ﻣُﺤَﻤَّﺪٌ
ﺻﻠﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻠﻴﻪ ﻭﺳﻠﻢ ﺭَﺑَّﻪُ ﻓَﻘَﺎﻟَﺖْ ﻟَﻘَﺪْ ﻗَﻒَّ ﺷَﻌَﺮِﻱ ﻣِﻤَّﺎ ﻗُﻠْﺖَ، ﺃَﻳْﻦَ ﺃَﻧْﺖَ
ﻣِﻦْ ﺛَﻼَﺙٍ ﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻜَﻬُﻦَّ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ، ﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻚَ ﺃَﻥَّ ﻣُﺤَﻤَّﺪًﺍ ﺻﻠﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻠﻴﻪ
ﻭﺳﻠﻢ ﺭَﺃَﻯ ﺭَﺑَّﻪُ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ . ﺛُﻢَّ ﻗَﺮَﺃَﺕْ } ﻻَ ﺗُﺪْﺭِﻛُﻪُ ﺍﻷَﺑْﺼَﺎﺭُ ﻭَﻫُﻮَ ﻳُﺪْﺭِﻙُ
ﺍﻷَﺑْﺼَﺎﺭَ ﻭَﻫُﻮَ ﺍﻟﻠَّﻄِﻴﻒُ ﺍﻟْﺨَﺒِﻴﺮُ { } ﻭَﻣَﺎ ﻛَﺎﻥَ ﻟِﺒَﺸَﺮٍ ﺃَﻥْ ﻳُﻜَﻠِّﻤَﻪُ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﺇِﻻَّ ﻭَﺣْﻴًﺎ ﺃَﻭْ
ﻣِﻦْ ﻭَﺭَﺍﺀِ ﺣِﺠَﺎﺏٍ { ﻭَﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻚَ ﺃَﻧَّﻪُ ﻳَﻌْﻠَﻢُ ﻣَﺎ ﻓِﻲ ﻏَﺪٍ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ ﺛُﻢَّ ﻗَﺮَﺃَﺕْ
} ﻭَﻣَﺎ ﺗَﺪْﺭِﻱ ﻧَﻔْﺲٌ ﻣَﺎﺫَﺍ ﺗَﻜْﺴِﺐُ ﻏَﺪًﺍ { ﻭَﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻚَ ﺃَﻧَّﻪُ ﻛَﺘَﻢَ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ ﺛُﻢَّ
ﻗَﺮَﺃَﺕْ } ﻳَﺎ ﺃَﻳُّﻬَﺎ ﺍﻟﺮَّﺳُﻮﻝُ ﺑَﻠِّﻎْ ﻣَﺎ ﺃُﻧْﺰِﻝَ ﺇِﻟَﻴْﻚَ ﻣِﻦْ ﺭَﺑِّﻚَ { ﺍﻵﻳَﺔَ، ﻭَﻟَﻜِﻨَّﻪُ ﺭَﺃَﻯ
ﺟِﺒْﺮِﻳﻞَ ـ ﻋَﻠَﻴْﻪِ ﺍﻟﺴَّﻼَﻡُ ـ ﻓِﻲ ﺻُﻮﺭَﺗِﻪِ ﻣَﺮَّﺗَﻴْﻦِ .
۞"हजरत मसरुक ने बयान किया के मेने हजरत आइशा रजि. से पूछा
ऐ ईमान वालो की माँ !क्या हजरत मुहम्मद ﷺ में
अपने अल्लाह को देखा था? हजरत आइशा रजि. ने कहा तुम ने
ऐसी बात की के मेरे रोंगटे खड़े हो गए! क्या तुम इन तीन बातो
से भी नावाकिफ हो ?
जो शख्स भी तुम में से ये तीन बाते बयान करे वो झूठा है जो
शख्स ये कहता हो के हजरत मुहम्मद ﷺ ने अपने
अल्लाह को देखा था वो झूठा है। फिर इन्होंने आयत तिलावत
फ़रमाई,
ﻟَﺎ ﺗُﺪْﺭِﻛُﻪُ ﺍﻟْﺄَﺑْﺼَﺎﺭُ ﻭَﻫُﻮَ ﻳُﺪْﺭِﻙُ ﺍﻟْﺄَﺑْﺼَﺎﺭَ ۖ ﻭَﻫُﻮَ ﺍﻟﻠَّﻄِﻴﻒُ ﺍﻟْﺨَﺒِﻴﺮُ
103 : 6
{उसको ऑंखें देख नहीं सकती और वह नज़रों को खूब देखता है और
वह बड़ा बारीक बीन ख़बरदार है 6 :103}
ﻭَﻣَﺎ ﻛَﺎﻥَ ﻟِﺒَﺸَﺮٍ ﺃَﻥْ ﻳُﻜَﻠِّﻤَﻪُ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﺇِﻟَّﺎ ﻭَﺣْﻴًﺎ ﺃَﻭْ ﻣِﻦْ ﻭَﺭَﺍﺀِ ﺣِﺠَﺎﺏٍ ..
42:51
{और किसी बशर की (मजाल) नहीं की अल्लाह उस से कलाम करे
मगर 'वही' से या परदे के पीछे से........."42 : 51}
और जो शख्स तुम से कहे की रसूलुल्लाह ﷺ आने
वाले कल की बात जानते थे वो भी झूठा है, इस के लिए इन्होंने
.. ﻭَﻣَﺎ ﺗَﺪْﺭِﻱ ﻧَﻔْﺲٌ ﻣَﺎﺫَﺍ ﺗَﻜْﺴِﺐُ ﻏَﺪًﺍ ۖ .
34 : 31
{कोई शख्स नहीं जानता के कल वह क्या करेगा। 31 : 34}
की तिलावत फ़रमाई। और जो शख्स तुम में से कहे की रसूलुल्लाह
ﷺ ने तबलीगे दीन में कोई बात छुपाई थी वो
भी झुठा है। फिर इन्होंने ये आयत तिलावत की
ﻳَﺎ ﺃَﻳُّﻬَﺎ ﺍﻟﺮَّﺳُﻮﻝُ ﺑَﻠِّﻎْ ﻣَﺎ ﺃُﻧْﺰِﻝَ ﺇِﻟَﻴْﻚَ ﻣِﻦْ ﺭَﺑِّﻚَ ۖ
67 : 5
{ऐ रसूल ( ﷺ) पहुँचादो जो आप
(ﷺ) के रब की तरफ से आप (ﷺ )
पर नाजिल किया गया है 5 : 67}
हां रसूलुल्लाह ﷺ ने हजरत जिब्रील
ﻋَﻠَﻴْﻪِ ﺍﻟﺴَّﻼَﻡُ
को असल सूरत में दो मर्तबा देखा था।"
📚Reference : Sahih al-Bukhari 4855
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ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﻣُﺤَﻤَّﺪُ ﺑْﻦُ ﻳُﻮﺳُﻒَ، ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﺳُﻔْﻴَﺎﻥُ، ﻋَﻦْ ﺇِﺳْﻤَﺎﻋِﻴﻞَ، ﻋَﻦِ ﺍﻟﺸَّﻌْﺒِﻲِّ،
ﻋَﻦْ ﻣَﺴْﺮُﻭﻕٍ، ﻋَﻦْ ﻋَﺎﺋِﺸَﺔَ ـ ﺭﺿﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻨﻬﺎ ـ ﻗَﺎﻟَﺖْ ﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻚَ ﺃَﻥَّ ﻣُﺤَﻤَّﺪًﺍ
ﺻﻠﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻠﻴﻪ ﻭﺳﻠﻢ ﺭَﺃَﻯ ﺭَﺑَّﻪُ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ ﻭَﻫْﻮَ ﻳَﻘُﻮﻝُ } ﻻَ ﺗُﺪْﺭِﻛُﻪُ
ﺍﻷَﺑْﺼَﺎﺭُ { ﻭَﻣَﻦْ ﺣَﺪَّﺛَﻚَ ﺃَﻧَّﻪُ ﻳَﻌْﻠَﻢُ ﺍﻟْﻐَﻴْﺐَ ﻓَﻘَﺪْ ﻛَﺬَﺏَ، ﻭَﻫْﻮَ ﻳَﻘُﻮﻝُ ﻻَ ﻳَﻌْﻠَﻢُ
ﺍﻟْﻐَﻴْﺐَ ﺇِﻻَّ ﺍﻟﻠَّﻪُ .
۞"हजरत आइशा रजि. ने बयान किया के अगर तुम में कोई ये
कहता है की मुहम्मद ﷺ ने अपने रब को देखा तो
वो कज्जाब (झूठा) है क्योंकि अल्लाह तआला अपने बारे में खुद
कहता है
" ﻻَ ﺗُﺪْﺭِﻛُﻪُ ﺍﻷَﺑْﺼَﺎﺭُ "
"नजरे इस को देख नहीं सकती"
और जो कोई कहता है की रसूलुल्लाह ﷺ गैब
जानते थे तो वो कज्जाब है क्योंकि अल्लाह तआला खुद कहता
है की गैब का इल्म अल्लाह के सिवा और किसी को नहीं"
📚Reference : Sahih al-Bukhari 7380
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ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﻣُﺤَﻤَّﺪُ ﺑْﻦُ ﻳُﻮﺳُﻒَ، ﻗَﺎﻝَ ﺣَﺪَّﺛَﻨَﺎ ﺳُﻔْﻴَﺎﻥُ، ﻋَﻦْ ﻋَﺒْﺪِ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺑْﻦِ ﺩِﻳﻨَﺎﺭٍ،
ﻋَﻦِ ﺍﺑْﻦِ ﻋُﻤَﺮَ، ﻗَﺎﻝَ ﻗَﺎﻝَ ﺭَﺳُﻮﻝُ ﺍﻟﻠَّﻪِ ﺻﻠﻰ ﺍﻟﻠﻪ ﻋﻠﻴﻪ ﻭﺳﻠﻢ " ﻣِﻔْﺘَﺎﺡُ
ﺍﻟْﻐَﻴْﺐِ ﺧَﻤْﺲٌ ﻻَ ﻳَﻌْﻠَﻤُﻬَﺎ ﺇِﻻَّ ﺍﻟﻠَّﻪُ ﻻَ ﻳَﻌْﻠَﻢُ ﺃَﺣَﺪٌ ﻣَﺎ ﻳَﻜُﻮﻥُ ﻓِﻲ ﻏَﺪٍ، ﻭَﻻَ ﻳَﻌْﻠَﻢُ
ﺃَﺣَﺪٌ ﻣَﺎ ﻳَﻜُﻮﻥُ ﻓِﻲ ﺍﻷَﺭْﺣَﺎﻡِ، ﻭَﻻَ ﺗَﻌْﻠَﻢُ ﻧَﻔْﺲٌ ﻣَﺎﺫَﺍ ﺗَﻜْﺴِﺐُ ﻏَﺪًﺍ، ﻭَﻣَﺎ ﺗَﺪْﺭِﻱ
ﻧَﻔْﺲٌ ﺑِﺄَﻯِّ ﺃَﺭْﺽٍ ﺗَﻤُﻮﺕُ، ﻭَﻣَﺎ ﻳَﺪْﺭِﻱ ﺃَﺣَﺪٌ ﻣَﺘَﻰ ﻳَﺠِﻲﺀُ ﺍﻟْﻤَﻄَﺮُ .
۞"इब्ने उमर रजि. से रिवायत
है,उन्होंने कहा रसलुल्लाह सलल्लाहु अल्लैहि व सल्लम ने
फ़र्माया की गैब की चाबियां पांच है जिन्हें अल्लाह के
अलावा कोई नहीं जानता। एक यह की कोई नहीं जानता की
कल क्या होगा , कोई नहीं जानता की माँ के पेट में क्या है ,
कोई नहीं जानता की वह कल क्या करेगा ,कोई नहीं जानता
की वह कहा मरेगा ,और (पाँचवी यह की) कोई नहीं जानता
बारिश कब बरसेगी"
📚Reference : Sahih al-Bukhari 1039
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