बिस्मिल्लाह इररहमान निररहीम
कुरआन : सुरहा हुजरात : 11
👉🏼 ऐ लोगो,
जो ईमान लाए हो!
न पुरुषों का कोई गिरोह दूसरे पुरुषों की हँसी उड़ाए,
सम्भव है वे उनसे अच्छे हों,
और न स्त्रियाँ स्त्रियों की हँसी उड़ाए,
सम्भव है वे उनसे अच्छी हों,
और न अपनों पर ताने कसो,
और न आपस में एक-दूसरे को बुरी उपाधियों से पुकारो।
ईमान के पश्चात अवज्ञाकारी का नाम जुडना बहुत ही बुरा है।
और जो व्यक्ति बाज़ न आए,
तो ऐसे ही व्यक्ति ज़ालिम है.
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