Sunday, 6 November 2016

Respect each-other

बिस्मिल्लाह इररहमान निररहीम

कुरआन : सुरहा हुजरात : 11

👉🏼 ऐ लोगो,

जो ईमान लाए हो!

न पुरुषों का कोई गिरोह दूसरे पुरुषों की हँसी उड़ाए,

सम्भव है वे उनसे अच्छे हों,

और न स्त्रियाँ स्त्रियों की हँसी उड़ाए,

सम्भव है वे उनसे अच्छी हों,

और न अपनों पर ताने कसो,

और न आपस में एक-दूसरे को बुरी उपाधियों से पुकारो।

ईमान के पश्चात अवज्ञाकारी का नाम जुडना बहुत ही बुरा है।

और जो व्यक्ति बाज़ न आए,

तो ऐसे ही व्यक्ति ज़ालिम है.

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